मांगलिक दोष
अगर किसी जातक की जनम कुंडली में मंगल 1 ,4 ,7 , 8,12 भाव में हो तो वह मांगलिक दोष कहलाता है। मंगल प्रथम भाव में हो तो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होता है , चतुर्थ भाव में माता का , सप्तम भाव जीवन साथी का , अष्टम भाव शारीरिक कष्ट का और द्वादश भाव में खर्चे का होता है।
मानव जीवन में इसके प्रभाव
मंगल एक क्रूर ग्रह है यह वैवाहिक कार्यों में विलम्ब करवाता है और अगर विवाह हो गया हो तो वैवाहिक जीवन में कलेश करवा सकता है। यह योग स्वभाव को गुस्सा, चिड़चिड़ा,ज़िद्दी बना सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सातवां भाव वैवाहिक जीवन का माना जाता है अगर इस भाव में मंगल हो तो वह शुभ नहीं माना जाता है।
उपाय
मांगलिक दोष निवारण के लिए मंगल ग्रह की शांति की पूजा करवा सकते हैं।
मंगलवार को हनुमान जी को प्रशाद चढ़ाना, सुंदरकांड का पाठ करवाना चाहिए।
चार मंगलवार तक सवा मीटर लाल कपड़ा, 250 ग्राम गुड़ और सवा किलो मलके की दाल और तांबे का लोटा मन्दिंर में जाकर किसी ब्राह्मण को दान करना है।
मंगल ग्रह का काम से काम 7000 मंत्र के जाप करवाना चाहिए।
मंगलवार को एक चमच आटा और एक चमच चीनी मिलाकर चींटियों को डालना चाहिए।
मंगलवार को बंदरों को केले खिलाने चाहिए।